वंदे भारत एक्सप्रेस


चर्चा में क्यों ?


हाल ही में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अंब अंदौरा, ऊना से नई दिल्ली के लिए नई वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।


मुख्य बिंदु :-


प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 13 अक्टूबर 2022 को अंब अंदौरा, ऊना से नई दिल्ली के लिए नई वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।


इस दौरान प्रधानमंत्री ने वंदे भारत एक्सप्रेस के ट्रेन के डिब्बों का निरीक्षण किया और अंदर दी जाने वाली सुविधाओं का जायजा लिया। श्री मोदी ने वंदे भारत एक्सप्रेस के लोकोमोटिव इंजन के कंट्रोल सेंटर का भी निरीक्षण किया। उन्होंने ऊना रेलवे स्टेशन का भी निरीक्षण किया।


प्रधानमंत्री हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के अंब अंदौरा रेलवे स्टेशन पर पहुंचे तो उनके साथ हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर, हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल श्री राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर, केंद्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर भी मौजूद थे।


उल्लेखनीय है की इस ट्रेन के शुरू होने से इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने और यात्रा का एक आरामदायक और तेज साधन मुहैया कराने में मदद मिलेगी। ऊना से नई दिल्ली के लिए यात्रा का समय इससे दो घंटे कम हो जाएगा।


अंब अंदौरा से नई दिल्ली के लिए चलने वाली, देश में शुरू की गई ये चौथी वंदे भारत ट्रेन है और पिछली ट्रेनों की तुलना में ये एक उन्नत संस्करण है, जो हल्का है और कम समय में तेज गति तक पहुंचने में सक्षम है।


वंदे भारत 2.0 के बारे में


वंदे भारत 2.0 ज्यादा उन्नत चीजों और बेहतर सुविधाओं से लैस है। जैसे कि ये 0 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार महज 52 सेकंड में पा लेती है।


इसकी अधिकतम गति 180 किलोमीटर प्रति घंटे की है। 430 टन के पिछले संस्करण की तुलना में इस उन्नत वंदे भारत एक्सप्रेस का वजन 392 टन होगा।


इसमें वाई-फाई कंटेंट ऑन डिमांड की सुविधा भी होगी। पिछले संस्करण में जहां 24 इंच की स्क्रीन थीं, वहीं नई ट्रेन के हर डिब्बे में 32 इंच की स्कीन हैं जो यात्री सूचना और इन्फोटेनमेंट प्रदान करती हैं।


वंदे भारत एक्सप्रेस पर्यावरण अनुकूल भी होगी क्योंकि इसके एसी 15 प्रतिशत ज्यादा ऊर्जा कुशल होंगे। ट्रैक्शन मोटर की धूल रहित स्वच्छ एयर कूलिंग से यात्रा ज्यादा आरामदायक हो जाएगी। पहले केवल एग्जीक्यूटिव क्लास के यात्रियों को ही साइड रिक्लाइनर सीट की सुविधा दी जाती थी जो इस ट्रेन में सभी वर्गों के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। एग्जीक्यूटिव कोच में 180 डिग्री घूमने वाली सीटों की अतिरिक्त सुविधा है।


वंदे भारत एक्सप्रेस के नए डिजाइन में वायु शोधन के लिए रूफ-माउंटेड पैकेज यूनिट (आरएमपीयू) में एक फोटो-कैटेलिटिक अल्ट्रावायलेट वायु शोधन प्रणाली स्थापित की गई है।


सेंट्रल साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट्स ऑर्गनाइजेशन (सीएसआईओ), चंडीगढ़ के सुझाव अनुसार इस सिस्टम को आरएमपीयू के दोनों सिरों पर डिजाइन और स्थापित किया गया है ताकि ताजी हवा और वापसी की हवा में से आ रहे कीटाणुओं, बैक्टीरिया, वायरस आदि से हवा को फिल्टर और साफ किया जा सके।


वंदे भारत एक्सप्रेस 2.0 बहुत बेहतरीन और विमान जैसी यात्रा का अनुभव प्रदान करती है। ये ट्रेन उन्नत अत्याधुनिक सुरक्षा सुविधाओं से लैस है जिसमें स्वदेशी रूप से विकसित ट्रेन टक्कर बचाव प्रणाली–‘कवच’ भी शामिल है।


कवच प्रणाली के बारे में –


कवच भारतीय उद्योग के सहयोग से अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (RDSO) द्वारा एक स्वदेशी रूप से विकसित एटीपी प्रणाली है और भारतीय रेलवे में ट्रेन संचालन में सुरक्षा के सम्मिलित उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए दक्षिण मध्य रेलवे ने इसका परीक्षण किया है। यह सम्पूर्ण सुरक्षा स्तर-4 मानकों की एक आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली है।


कवच ट्रेनों को खतरे (लाल) पर सिग्नल पार करने और टक्कर रोकने के लिए सुरक्षा प्रदान करने के लिए है। यदि चालक गति सीमा के अनुसार ट्रेन को नियंत्रित करने में विफल रहता है तो यह ट्रेन ब्रेकिंग सिस्टम को स्वचालित रूप से सक्रिय करता है। इसके अलावा, यह ऐसे दो इंजनों के बीच टक्कर को रोकता है जिनमें कवच प्रणाली काम कर रही है।


‘कवच’ 10,000 वर्षों में त्रुटि की संभावना के साथ सबसे सस्ती, सम्पूर्ण सुरक्षा स्तर 4 (एसआईएल-4) प्रमाणित प्रौद्योगिकियों में से एक है। साथ ही, यह रेलवे के लिए स्वदेशी प्रौद्योगिकी के निर्यात के रास्ते खोलती है।


कवच की विशेषताएं


खतरे में सिग्नल पार करने से रोकना (एसपीएडी)


ड्राइवर मशीन इंटरफेस (डीएमआई) / लोको पायलट ऑपरेशन कम इंडिकेशन पैनल (एलपीओसीआईपी) में सिग्नल की स्थित दिखाने के साथ ट्रेन की आवाजाही का निरंतर अपडेट


ओवर स्पीडिंग की रोकथाम के लिए स्वचालित ब्रेक लगाना
समपार फाटकों के पास पहुंचते समय ऑटो सीटी बजना
काम कर रही कवच प्रणाली से लैस दो इंजनों के बीच टकराव की रोकथाम
आपातकालीन स्थितियों के दौरान एसओएस संदेश
नेटवर्क मॉनिटर सिस्टम के माध्यम से ट्रेन की आवाजाही की केंद्रीकृत लाइव निगरानी।


भारतीय रेलवे पर कवच तैनाती की रणनीति –


रेलवे यातायात का 96 प्रतिशत भारतीय रेलवे के उच्च घनत्व नेटवर्क और अत्यधिक प्रयुक्त नेटवर्क मार्गों पर होता है। इस यातायात को सुरक्षित रूप से ले जाने के लिए, रेलवे बोर्ड द्वारा निर्धारित प्राथमिकता के अनुसार कवच कार्यों को एक केन्‍द्रित तरीके से किया जा रहा है।


पहली प्राथमिकता: ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग और सेंट्रलाइज्ड ट्रैफिक कंट्रोल के साथ भीड़भाड़ वाले मार्गों और नई दिल्ली-मुंबई और नई दिल्ली-हावड़ा सेक्शन पर 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार । चूंकि जैसे-जैसे ट्रेनें एक-दूसरे के करीब आती हैं, ऐसे सेक्शन में ड्राइवरों की ओर से मानवीय त्रुटियों की संभावना अधिक होती है, जिसके परिणामस्वरूप दुर्घटनाएं होती हैं।


दूसरी प्राथमिकता: स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग और केंद्रीकृत यातायात नियंत्रण के साथ अत्यधिक प्रयुक्त नेटवर्क पर।


तीसरी प्राथमिकता: स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग के साथ भीड़भाड़ वाले अन्य मार्गों पर।


चौथी प्राथमिकता: अन्य सभी मार्ग।


उल्लेखनीय है की आत्मनिर्भर भारत के एक हिस्से के रूप में, 2022-23 में सुरक्षा और क्षमता वृद्धि के लिए 2,000 किलोमीटर नेटवर्क को कवच के तहत लाया जाएगा। लगभग 34,000 किलोमीटर नेटवर्क को कवच के तहत लाया जाएगा।
Source – PIB