‘शिकायत निवारण सूचकांक’ में UIADI अव्वल


चर्चा में क्यों ?


‘शिकायत निवारण सूचकांक-2022 में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण लगातार दूसरे महीने में अव्वल रहा


मुख्य बिंदु :-


प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) द्वारा प्रकाशित सितंबर 2022 माह की रैंकिंग रिपोर्ट में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) को जन शिकायतों के समाधान के लिए एक बार फिर सभी समूह ‘अ’ के मंत्रालयों, विभागों एवं स्वायत्त निकायों में शीर्ष स्थान पर रखा गया है।


गौरतलब है की यह सिलसिलेवार दूसरा महीना है, जब यूआईडीएआई ने इस रैंकिंग में पहला स्थान हासिल किया है।


यूआईडीएआई ने केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली के माध्यम से प्राप्त होने वाली जन शिकायतों के समाधान में शानदार प्रदर्शन किया है और वह ‘आधार’ रखने वाले लोगों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है।


कार्यप्रणाली


भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के पास एक मजबूत शिकायत निवारण तंत्र मौजूद है, जिसमें यूआईडीएआई का मुख्यालय, इसके क्षेत्रीय कार्यालय, प्रौद्योगिकी केंद्र और जुड़े हुए भागीदार संपर्क केंद्र भी शामिल हैं। एक सामंजस्यपूर्ण प्रणाली यूआईडीएआई को एक सप्ताह के भीतर लगभग 92% सीआरएम शिकायतों को हल करने में सक्षम बना रही है।


यूआईडीएआई लोगों के जीवन की सुगमता को आसान बना रहा है। यह अपने शिकायत निवारण तंत्र को और अधिक मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।

यूआईडीएआई धीरे-धीरे अत्याधुनिक ओपन-सोर्स ग्राहक संबंध प्रबंधन समाधान उपलब्ध करा रहा है। नए ग्राहक संबंध प्रबंधन (सीआरएम) समाधान को लोगों के बीच यूआईडीएआई सेवा वितरण को बढ़ाने के लिए उन्नत सुविधाओं के साथ तैयार किया गया है।


नए ग्राहक संबंध प्रबंधन (सीआरएम) समाधान में फोन कॉल, ईमेल, चैटबॉट, वेब पोर्टल, सोशल मीडिया, पत्राचार और वॉक-इन जैसे मल्टी-चैनलों द्वारा सहायता उपलब्ध कराने की क्षमता है, जिसके माध्यम से शिकायतों को दर्ज किया जा सकता है, उन्हें ट्रैक किया जा सकता है और प्रभावी ढंग से हल किया जा सकता है।


12 भाषाओं में फोन और आईवीआरएस सेवाओं को अखिल भारतीय स्तर पर ले जाने का कार्य पूरा हो चुका है। यह लोगों को आईवीआरएस पर अनूठी विशेषताओं के साथ एक पूरी तरह से नया उपयोगकर्ता अनुभव प्रदान करता है। इनमें आधार नामांकन / अद्यतन स्थिति की जांच, आधार पीवीसी कार्ड की स्थिति की ट्रैकिंग और नामांकन केंद्र स्थल आदि की जानकारी शामिल है।


नए सीआरएम समाधान के तहत अन्य चैनलों को आगे प्रारंभ करने का कार्य प्रगति पर है। यूआईडीएआई देशवासियों की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध है और यह लोगों के जीवन यापन में सुगमता लाने तथा व्यावसायिक गतिविधियों में आसानी के लिए एक प्रमुख सूत्रधार रहा है।


भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के बारे में


भारतीय विशिष्‍ट पहचान प्राधिकरण (Unique Identification Authority of India) सन 2009 में गठित भारत सरकार का एक प्राधिकरण है जिसका गठन भारत के प्रत्येक नागरिक को एक बहुउद्देश्यीय राष्ट्रीय पहचान पत्र उपलब्ध करवाने की भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना के अन्तर्गत किया गया।


इस प्राधिकरण की स्थापना 28 जनवरी 2009 को एक अधिसूचना के द्वारा योजना आयोग के संबद्ध कार्यालय के रूप में 115 अधिकारियों और स्टाफ की कोर टीम के साथ की गई।


आगे जाकर ‘आधार अधिनियम 2016’ के उपबंधों के अंतर्गत, इलेक्‍ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के तहत दिनांक 12 जुलाई, 2016 को भारत सरकार द्वारा की इसे सांविधिक दर्जा प्रदान किया गया।


भारत के प्रत्येक निवासियों को प्रारंभिक चरण में पहचान प्रदान करने एवं प्राथमिक तौर पर प्रभावशाली जनहित सेवाऐं उपलब्ध कराना इस परियोजना का प्रमुख उद्देश्य था।


इस “बहुउद्देश्यीय राष्ट्रीय पहचान पत्र” का नाम आधार रखा गया


आधार कार्ड


गौरतलब है की आधार 12 अंकों की एक विशिष्ट संख्या है जिसे भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIADI) सभी निवासियों के लिये जारी करता है। यह संख्या, भारत में कहीं भी, व्यक्ति की पहचान और पते का प्रमाण होता है।


कोई भी व्यक्ति आधार के लिए नामांकन करवा सकता है बशर्ते वह भारत का निवासी हो और यू.आई.डी.ए.आई. द्वारा निर्धारित सत्यापन प्रक्रिया को पूरा करता हो, चाहे उसकी उम्र और लिंग कुछ भी हो। प्रत्येक व्यक्ति केवल एक बार नामांकन करवा सकता है। नामांकन निशुल्क है।
Source – PIB