The rise of darkness: अनन्त भविष्य में भारत की शक्ति


साउथ ब्लॉक, रायसीना हिल-नई दिल्ली
“जैसा कि आप सभी विज्ञान के जानकार लोग यह जानते हैं कि कुछ समय से पृथ्वी के वातावरण में अजीबोगरीब घटनाएं होने लगी है और प्राकृतिक आपदाओं के आने की गति बढ़ गई है”…


“मैं इस विषय की पूरी जानकारी प्राप्त करना चाहता हूँ कि यह सब अचानक क्यो हो रहा है ” प्रधानमंत्री ने एक दर्जन अंतरिक्ष वैज्ञानिकों और भूवैज्ञानिकों की मीटिंग में उन्हें सम्बोधित करते हुए कहा


प्रधानमंत्री के सामने वाली कुर्सी पर बैठे उनके प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार व इसरो प्रमुख वेणुगोपाल नायर” अर्थात वी . नायर बैठे हुए थे..


उन्होंने उत्तर दिया … “प्रधानमंत्रीजी हमारे वैज्ञानिकों की एक पूरी टीम कई दिनों से इस पर रिसर्च कर रही हैं ताकि हम यह जान सके कि पृथ्वी पर इस तरह का परिवर्तन अचानक क्यो हो रहा है … “


नायर ने एक नौजवान वैज्ञानिक की ओर इशारा करते हुए कहा ” अभी तक आपको कुछ जानकारी मिली कि नही “


वह वैज्ञानिक खड़ा होकर बोला …”सर बात यह है कि हम लोग काफी समय से चन्द्रमा में स्थापित अपने स्टेशन से सम्पर्क साधने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन अभी तक हमें वहाँ से कोई सिग्नल नही मिल पाया है। साथ ही चंद्रमा के वातावरण में अजीब तरह का परिवर्तन भी देखा गया है जिस कारण हम अपने स्पेस स्टेशन की मदद से भी चंद्रमा की कोई विशेष जानकारी नही जुटा पा रहे हैं .. बाकी आस पास के अन्य ग्रहों की स्थित तो सामान्य है “


नायर ने एक दूसरे भूवैज्ञानिक की ओर देखकर पूछा ..” क्या पृथ्वी के आंतरिक स्वरूप में कोई बदलाव हो रहा है ??


उस वैज्ञानिक ने जवाब दिया ..”नही सर अभी तक तो नही, ना ही हमें प्रथ्वी की आंतरिक चट्टानों में कोई विशेष हलचल मिली है “


“अगर आप लोग अभी तक किसी तरह की कोई जानकारी नहीं जुटा पाए हैं तो ये घटनाएं क्यो हो रही?? इनके पीछे कोई न कोई कारण तो होगा ही। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि अमेरिका और चीन के बीच छिड़े शीत युद्ध के कारण वो अभी इस घटना पर कोई कदम नहीं उठा रहे हैं। इसीलिए सारी मानवता को बचाने की जिम्मेदारी हमारे ऊपर है और हम इस काम से पीछे नहीं हटेंगे”… प्रधानमंत्री ने वी नायर की ओर देखकर खीजते हुए कहा …


फिर वे बोले “आप कुछ भी करिए मुझे जल्द से जल्द इस विषय पर पूरी जानकारी चाहिए ?? हमने विश्व के कई नेताओं को इस विषय पर चर्चा करने के लिए 20 अगस्त को दिल्ली बुलाया है। आखिर बिना जानकारी के हम क्या अपनी बात रख पाएंगे ?? .. इस मामले में सरकार पूरी तरह आपके साथ है


प्रधानमंत्री ने चिंताजनक भाव से यह बात कही और वे बालकनी के पास खड़े हो गए….
इस बीच एक दुबले पतले लगभग अधेड़ उम्र के बी. कुमार नाम के अंतरिक्ष वैज्ञानिक खड़े हुए और बोले …


“सर इस तरह की जानकारी अगर कोई जुटाने में माहिर हैं तो वह एक मात्र अखण्ड प्रताप है जिसे उसके अजीबोगरीब मिशन और लापरवाह होने के चलते इसरो से करीब तीन साल पहले निकाल लिया गया था “…


प्रधानमंत्री शीघ्रता से मुड़े और बोले ..” क्या ?? आप लोगों ने पहले क्यो नही बताया और आप किसी की सोच के चलते उसको कैसे निकाल सकते। विज्ञान का विकास ही अजीब और नई सोच से होता है “..


नायर ने जवाब दिया ..”सर बात ऐसी है कि उनसे अपनी रिर्सच में पाया था कि इस सौर्यमण्डल के बाहर से उसे कुछ सिग्नल मिल रहे हैं इसीलिए हमने उसके कहने पर आउटर स्पेस नाम का एक मिशन लांच किया था जिसमें हमारे कई अंतरिक्ष यात्री मारे गए और बहुत पैसा बर्बाद हुआ था ।। इसकी पूरी जिम्मेदारी अखंड प्रताप की थी इसीलिए उसे निकाल दिया गया, इसके साथ ही वह एक लापरवाह व्यक्ति है ..”


प्रधानमंत्री के पूछा ..” ..अभी वह कहाँ है ?? ..
“सर इस समय वह कानपुर IIT में भौतिक विज्ञान पढ़ा रहा है “.. नयार ने जवाब दिया ..
“मुझे वह कल तक हर हाल में मेरे ऑफिस में चाहिए” प्रधानमंत्री ने शख्त लहजे में कहा और फिर वे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की ओर मुड़े और बोले ..” आप खुद जाएंगे और अपने साथ कुछ वैज्ञानिकों को भी ले जाइए तथा उससे कहना कि सरकार उसे फिर से नियुक्त कर रही हैं तथा उसे अपने अनुसार काम करने की आजादी होगी “..


NSA ने कहा ” ठीक है सर ” ..और वो दो वैज्ञानिकों को लेकर तत्काल रवाना हो गए ..
जब वो कानपुर IIT पहुंचे तो पता चला कि प्रोफेसर अखंड प्रताप अभी क्लास ले रहे हैं …
उन्हें बुलाने के लिए एक चपरासी को भेजा गया .. उसने जाकर कहा “सर आपसे NSA और कुछ वैज्ञानिक मिलने आए हैं तत्काल बुलाया है ” ..


अखंड ने कहा ..मैं इतना इम्पोर्टेन्ट कब से हो गया कि इतने बड़े लोग मिलने आए हैं ,चलो मैं आता हूँ .. “


अपनी क्लास खत्म करके जब वे ऑफिस पहुचे तो देखा कि सभी उनका इंतजार कर रहे थे ” NSA ने कहा आइए वैज्ञानिक साहब हमें आपकी ही जरूरत है” ..


अखंड ने हंस कर जवाब दिया कि ..” सर अब मैं कोई वैज्ञानिक नही हूँ केवल एक टीचर हूँ मेरे जैसा आदमी आपकी क्या मदद कर सकता है ..”


“सरकार को आपकी जरूरत है प्रधानमंत्रीजी ने मुझे इसीलिए आपके पास भेजा है … आपको हमारे साथ चलना होगा “.NSA ने कहा ….


अखंड फिर हंसा और बोला “मेरे जैसे आदमी की आपको क्या जरूरत है। आपके पास तो बड़े बड़े महान वैज्ञानिक है जो दूसरों के रिसर्च को पागलपन कहते हैं .. आपके यहाँ मेरे जैसे आजाद विचारवाले व्यक्ति की कोई जगह नहीं है …”


NSA खड़े हुए और उसके कन्धे पर हाथ रखकर बोले कि .. ” कुछ लोगों की गलती की सज़ा पूरी मानवता को नही दी जा सकती, जब प्रधानमंत्रीजी को तुम्हारे बारे में पता चला, तो वे बहुत नाराज हुए और बोले कि सभी वैज्ञानिकों को आगे से अपने अनुसार काम करने की पूरी आजादी होगी ।


उन्होंने आगे कहा “तुम्हें तुम्हारे अपने काम में कोई बाधा नहीं आने दी जाएगी … तुम तो जान ही रहे हो कि इस समय मानव जाति के सामने कितनी बड़ी चुनौती खडी हो गई है .. और केवल भारत ही इस समय इससे लड़ सकता है तुम्हारे पास अपनी काबिलियत साबित करने और देश का सम्मान बढ़ाने का इससे अच्छा मौका नही हो सकता है ….”
अखंड ने कहा “ठीक है मैं चलने को तैयार हूँ ” ..


सभी लोग विशेष विमान में सवार हुए और दिल्ली के लिए रवाना हो गए …
बाकी आगे ।।


कहानी – ISRO ( Indian Space Research Organisation) – मुख्यालय बेंगलुरु ..


“ग्रहों के अध्ययन के मामलों की विशेषज्ञ मिस मालविका , समुद्र वैज्ञानिक मिस्टर आर्यन और जलवायु वैज्ञानिक श्रीमान वैभव । आप लोगों को मैने बहुत ही चुनौती पूर्ण मिशन के लिए चुना है।मुझे इस मामले में प्रधानमंत्रीजी ने पूरी स्वायत्तता दी है कि मैं अपनी टीम स्वयं तय करू” ……


“बस मुझे दस दिनों के अंदर रिजल्ट देना है,कि आखिर हमारे वातावरण में ये आकस्मिक परिवर्तन क्यो हो रहे हैं .. मैने आपको आपकी काबिलियत और लगन की वजह से चुना है। आप लोग अपने अपने क्षेत्र में विशेषज्ञ है ।आप लोगों को यह पता लगाना है कि हमारे वायुमंडल, जलमंडल व दूसरे ग्रहों में क्या कुछ बदलाव हो रहा है , मैं औऱ डॉक्टर वी. कुमार अपने पुराने रिसर्च पर फिर कुछ काम करना चाहते हैं …. मेरी तरह से आपको पूरी आजादी है , क्या आप लोग तैयार है ” … अखंड ने अपनी नई चुनी टीम को सम्बोधित करते हुए कहा …


“यस सर,हम पूरी तरह से तैयार है आपने हमें अपने मिशन के लिए चुना ।यह हमारे लिए गर्व की बात है ” .. लगभग 27 वर्षीय छरहरे बदन वाली मालविका ने जवाब दिया …
“सर, मैं अपने क्रू मेंबर के साथ आज ही अंडमान निकोबार के लिए निकलना चाहता हूँ ताकि समुद्र के अंदर होने वाले परिवर्तनों का अध्ययन कर सकू .. ” 35 वर्षीय आर्यन ने जवाब दिया ..


“सर मुझे हिमालयी क्षेत्र के लिए निकलना होगा क्योंकि वहाँ पर ऊँचाई में वायुमंडल में होने वाले परिवर्तनों का जल्द पता लगाना संभव है ” लंबे कद के वैभव ने कहा ..
“ठीक है आप लोग आज से ही अपने काम पर लग जाइए मुझे एक हफ्ते के अंदर अंदर सारी जानकारी चाहिए ” अखंड ने जोर देकर कहा और फिर सभी अपने अपने प्रोजेक्ट के लिए रवाना हो गए ….


इधर नई दिल्ली में आपातकालीन बैठक बुलाई गई है जिसमें प्रधानमंत्री के अलावा गृह मंत्री, रक्षा मंत्री , विदेश मंत्री के साथ ….. प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार वी. नायर, NSA तथा चीफ ऑफ डिफेंस भी उपस्थित हैं ..


प्रधानमंत्री ने कहा …. ” देखिए जैसा कि आप लोग जानते हैं कि हमारे सामने विकट चुनौती खड़ी हो गई है ।आज सारी मानवजाति और जीवन को बचाने का दायित्व हमारे ऊपर है क्या इसके लिए हम तैयार है ..” ..उन्होंने गृह मंत्री की ओर देखते हुए कहा …


“प्रधानमंत्रीजी हम पूरी तरह से सक्षम है। मैंने राज्यों को अधिसूचना जारी कर हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है । सभी अर्धसैनिक बलों को सक्रिय कर दिया गया है , खासकर कोस्ट गार्ड को , यह निर्देश भी जारी किया है कि कोई भी नागरिक व मछुआरा कुछ समय समुद्र तट के नजदीक नही जाएगा ” …. गृह मंत्री ने जवाब दिया ।।


विदेश मंत्री बोले ” हम लगातार अन्य देशों के सम्पर्क में है और जहाँ तक हो सकता है हम आपदा प्रभावित देशों की मदद कर रहे हैं “…


चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने कहाँ ” प्रधानमंत्रीजी क्या हमारे ऊपर पृथ्वी के बाहर से हमला होने की भी सम्भावना है ? अगर ऐसा है तो हम पूरी तरह से तैयार है इसका करारा जवाब दिया जाएगा ….”


वी. नायर ने कहा ..” नही ऐसा कुछ नहीं है । अभी तक तो हम यह भी पूर्ण विश्वास से नही कह सकते कि पृथ्वी के बाहर जीवन है ? लेकिन कुछ तो गड़बड़ जरूर है। हमें पूरी तरह से तैयार रहना है ….”


“आप तीनों सेनाओं को हाई अलर्ट पर रहने के लिए कहिए और ख़ास कर वायु सेना को पूरी तरह तैयार रहना होगा ,साथ ही हमारे ‘एयर डिफेंस सिस्टम ‘ व अग्नि व ब्रह्मोस मिसाइलों को सक्रिय रहने का आदेश दीजिए … हम कोई रिस्क नही ले सकते …. ” प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा …


उधर लगभग तीन दिनों तक विभिन्न ग्रहों के मूवमेंट का अध्ययन करने के बाद मालविका को कुछ अजीब जानकारी मिली…


वह उसे लेकर सीधे अखंड के ऑफिस में पहुंची और अपना कंप्यूटर अखण्ड को दिखाते हुए बोली ….


सर, चंद्रमा के साथ कुछ अजीब हो रहा है। हमें जहाँ सामान्य तौर पर डाप्लर प्रभाव से मापने पर रेड शिफ्ट का प्रभाव मिलता है लेकिन अब कुछ समय से ब्लू शिफ्ट देखने को मिल रहा है ….

written by Dhruv Kumar