भारत में खुदरा महंगाई की मुख्य वजह खाद्य और कच्चे तेल की कीमतों में होने वाली बढ़ोतरी


चर्चा में क्यों ?

हाल ही में आई वित्त मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में खुदरा महंगाई की मुख्य वजह खाद्य और कच्चे तेल की कीमतों में होने वाली बढ़ोतरी है और इन दोनों की कीमतों में बढ़ोतरी के लिए बाहरी वजहें जिम्मेदार हैं।

मुख्य बिंदु :-

  • खाद्य तेल की बढ़ती कीमतों पर रोक के लिए किए गए उपाय से मई में थोड़ी राहत मिली है और उम्मीद है कि आगे कीमतों में और नरमी आएगी। पांच महीनों से खुदरा महंगाई दर आरबीआइ द्वारा तय छह प्रतिशत की अधिकतम सीमा से ऊपर चल रही है। 
रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से सूरजमुखी के तेल की सप्लाई बाधित
  • रिपोर्ट के अनुसार भारत अपनी जरूरत का 60 प्रतिशत खाद्य तेल आयात करता है। इस साल मार्च में खाद्य तेल की खुदरा कीमतों में पिछले साल मार्च के मुकाबले 18.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई, क्योंकि उससे पहले रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से सूरजमुखी के तेल की सप्लाई बाधित हो गई थी।
  • इससे घरेलू स्तर पर सोयाबीन और पाम तेल के दाम में बढ़ोतरी हो गई थी। मार्च के बाद इस साल अप्रैल में खाद्य तेल के खुदरा दाम में 17.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही और मई में यह बढ़ोतरी कम होकर 13.3 प्रतिशत रह गई।
इंडोनेशिया ने पाम तेल के निर्यात पर रोक लगाई
  • इसके पीछे वजह यह है कि इंडोनेशिया ने पाम तेल के निर्यात पर जो रोक लगाई थी उसे हटा लिया और सरकार ने खाद्य तेल के आयात पर लगने वाले शुल्क में कटौती कर दी। 
  • रिपोर्ट के अनुसार गैर खाद्य वस्तुओं की खुदरा कीमतें मुख्य रूप से कच्चे तेल के दाम में इजाफे से प्रभावित हो रही हैं। इस साल अप्रैल में बेंट क्रूड की कीमत औसतन 105.8 डालर प्रति बैरल रही जो इस साल मई में औसत कीमत बढकर 112.4 डालर प्रति बैरल हो गई।
चीन में कोरोना कम होने से वहां तेल की मांग बढ़ गई
  • इसकी मुख्य वजह यह रही कि चीन में कोरोना कम होने से वहां तेल की मांग बढ़ गई और यूरोप के देशों ने दिसंबर तक रूस से होने वाले तेल आयात में 90 प्रतिशत की कटौती का फैसला किया।
  • गौरतलब है कि भारत अपनी जरूरत का 80 प्रतिशत कच्चा तेल आयात करता है। ऐसे में यह काफी महत्वपूर्ण होगा कि भारत सस्ते दाम पर तेल बेचने को तैयार देशों से कितनी अधिक मात्रा में तेल खरीद पाता है। 

चुनौतियां –

देश के सामने निकट भविष्य में-
  • अपने राजकोषीय घाटे का प्रबंधन,
  • आर्थिक वृद्धि को बनाए रखना,
  • महंगाई और चालू खाते के घाटे को काबू में करने की चुनौतियां हैं।
  • हालांकि भारत दूसरे देशों के मुकाबले इन चुनौतियों से निपटने को लेकर बेहतर स्थिति में है।
  • आर्थिक समीक्षा के अनुसार, भविष्य की चुनौतियों के सावधनीपूर्वक प्रबंधन की जरूरत है, ताकि वृहद आर्थिक स्थिरता को कोई जोखिम नहीं हो।
  • रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के कई देश खासकर विकासशील देश इसी प्रकार की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। भारत उनमें अपेक्षाकृत बेहतर स्थिति में है। इसका कारण वित्तीय क्षेत्र में स्थिरता और कोरोना टीकाकरण की सफलता है।

Source – ET