इलेक्टोरल बांड की बिक्री
चर्चा में क्यों ?
हाल ही में भारत सरकार ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की प्राधिकृत शाखाओं में इलेक्टोरल बांड की बिक्री शुरू की, आइये जानते है इसके बारे में
मुख्य बिंदु :-
- उल्लेखनीय है की भारत सरकार ने 2 जनवरी 2018 की राजपत्र अधिसूचना संख्या 20 के माध्यम से चुनावी बॉन्ड योजना 2018 को अधिसूचित किया है।
- योजना के प्रावधानों के अनुसार चुनावी बॉन्ड वह व्यक्ति खरीद सकता है, (जैसा कि राजपत्र अधिसूचना की मद संख्या 2 (डी) में परिभाषित है) जो भारत का नागरिक है या भारत में निगमित या स्थापित है।
- एक व्यक्ति होने के नाते चुनावी बॉन्ड खरीद सकता है, ऐसा वह या तो अकेले कर सकता है या अन्य व्यक्तियों के साथ संयुक्त रूप से कर सकता है।
- केवल वे राजनीतिक दल जो लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 (1951 का 43) की धारा 29ए के तहत पंजीकृत हैं और जिन्हें लोक सभा या राज्य विधान सभा के लिए पिछले आम चुनाव में कम से कम एक प्रतिशत मत मिले हैं, चुनावी बॉन्ड प्राप्त करने के लिए पात्र होंगे।
- चुनावी बॉन्ड एक पात्र राजनीतिक दल द्वारा अधिकृत बैंक के साथ एक बैंक खाते के माध्यम से ही भुनाया जाएगा।
- भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को बिक्री के XXII चरण में, 01.10.2022 से 10.10.2022 तक अपनी 29 अधिकृत शाखाओं (संलग्न सूची के अनुसार) के माध्यम से चुनावी बॉन्ड जारी करने और भुनाने के लिए अधिकृत किया गया है।
- गौरतलब है की चुनावी बॉन्ड जारी होने की तारीख से पंद्रह कैलेंडर दिनों के लिए वैध होंगे और वैधता अवधि की समाप्ति के बाद चुनावी बॉन्ड जमा किए जाने पर किसी भी प्राप्तकर्ता राजनीतिक दल को कोई भुगतान नहीं किया जाएगा।
- एक पात्र राजनीतिक दल द्वारा अपने खाते में जमा किए गए चुनावी बॉन्ड की राशि उसी दिन खाते में जमा हो जाएगी।
क्या है चुनावी बॉन्ड?
- भारत सरकार ने देश के राजनीतिक दलों के चुनावी चंदे को पारदर्शी बनाने के लिए वित्त वर्ष 2017-18 के बजट के दौरान चुनावी बॉण्ड/ इलेक्टोरल बॉन्ड शुरू करने की घोषणा की थी
- चुनावी बॉण्ड योजना का प्रमुख उद्देश्य भारत में चुनावी फंडिंग में पारदर्शिता लाना था।
- सरकार ने इस योजना को “कैशलेस-डिजिटल अर्थव्यवस्था” की ओर बढ़ रहे देश में ‘चुनावी सुधार’ के रूप में वर्णित किया।
- वास्तव में चुनावी बॉन्ड एक ऐसा बॉण्ड है जिसमें करेंसी नोट की तरह उसकी वैल्यू या मूल्य लिखा होता है । इस बॉण्ड के माध्यम से व्यक्तियों, संस्थाओं और संगठनों द्वारा राजनीतिक दलों को चंदा दिया जा सकता है ।
- भारत सरकार ने चुनावी बॉण्ड को जारी करने के लिये स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) को अधिकृत किया है।
- चुनावी बॉण्ड की राशि 1 हज़ार, 10 हज़ार, एक लाख, 10 लाख और एक करोड़ रुपए है और इन बांड्स पर बैंक द्वारा कोई ब्याज नही दिया जाता है ।
- राजनैतिक दलों को इसे 15 दिनों के अंदर भुनाना होता है तथा चुनाव आयोग को बताना होता है कि उन्हें कितना धन चुनावी बॉण्ड से मिला है।
Source – PIB