पिनाकधारी रुद्र : अनन्त भविष्य में भारत


साउथ ब्लॉक, प्रधानमंत्री कार्यालय, नई दिल्ली ….

“2014 में जब नरेन्द्र मोदीजी प्रधानमंत्री बने थे तो उसके तीन वर्ष के पश्चात अर्थात 2017 में एक अज्ञात पिंड हमारे सौर्यमण्डल से गुजरा था जो ब्रह्मांड की अंनत गहराइयों से आया था जिसके बारे में किसी को कुछ ज्ञात नहीं था और जिसे नासा के वैज्ञानिकों ने ओमुआमुआ नाम दिया था।”


प्रधानमंत्री ने अपनी कैबिनेट मीटिंग में कुछ चुने हुए मंत्रियों और अपने प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार जी. माधवन को सम्बोधित करते हुए कहा।


फिर वे आगे बोले …
”उसके बारे में आशंका जताई गई थी कि वह कोई परग्रही विमान है लेकिन नासा ने उस पर आगे कोई रिसर्च नहीं किया परन्तु इसरो ने इस पर काफ़ी डेटा एकत्र किया था। ”


”क्योंकि हमें आशंका थी कि वह कोई नॉर्मल ऑब्जेक्ट नहीं है।जब मोदी जी के सामने यह डेटा रखा गया तो उन्होंने इस पर रिसर्च आगे बढ़ाने के लिए अपनी सहमति जताई थी ” …..


“तो क्या अभी भी हमारे पास उसकी जानकारी है? प्रधानमंत्री जी मेरे सीनियर ने एक बार कहा था कि ‘ ओमुआमुआ के बारे में तुम्हें उचित समय पर जानकारी मिल जाएगी उसने काफ़ी उथल पुथल मचाई थी ” ..

प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार ने कुछ आश्चर्य के साथ कहा
प्रधानमंत्री अपनी कुर्सी को छोड़कर खड़े हुए और बालकनी के पास जाकर खड़े हो गए

फिर कुछ सोचते हुए उन्होंने बताया …
“हा, जब मोदीजी ने 2029 में प्रधानमंत्री का पद त्यागा था तब उन्होंने अपने उत्तराधिकारी को यह सीक्रेट डॉक्यूमेंट सौपते हुए बताया था कि …


‘यह बहुत महत्वपूर्ण है। ओमुआमुआ के बारे में 2017 में प्राप्त आकडो के आधार पर इसरो ने सरकार के साथ मिलकर यह तय किया था कि वो 2019 में होने वाले चन्द्रयान2 मिशन के साथ एक प्रोब भेजेगे जो ओमुआमुआ से सम्पर्क करने की कोशिश करेगा ।


दुनिया की नज़रों में चन्द्रयान 2 असफल रहा लेकिन वह वास्तव में सफ़ल था। क्योंकि उसके साथ भेजे गए , प्रोब से प्राप्त जानकारी के अनुसार परग्रही जीवों से हमारा संपर्क हुआ था “….


इतना कहकर प्रधानमंत्री मुड़े और एक फ़ाइल सबके सामने बढ़ाते हुए बोले “यह है, वह डॉक्यूमेंट “…


कुछ पन्ने पलटने के बाद माधवन ने कहा ….
“इसके अनुसार तो वो किसी दूसरे टाइम- स्पेस का यान था और चीन भी उससे समपर्क में था। भारत सरकार द्वारा उस समय पारित नागरिक कानून (CAA ) ,NRC और उस समय फैली महामारी COVID-19 और गलवान में भारत चीन संघर्ष भी इसी से जुड़ा था ” …..


“हां, दरसअल प्राप्त आकड़ो के अनुसार चीन पाकिस्तान के साथ मिलकर कुछ ऐसे जीवों को मानव के रूप में भारत में भेज सकता था जो आतंक, हत्याएं करके भारत में अस्थिर करने की कोशिश कर सकते थे ।


”इसीलिए मोदीजी ने 2019 में पुनः चुनाव जीतने के बाद सबसे पहले इसी पर काम किया, जब चीन को यह पता चला कि भारत के पास भी जानकारी है तो उसने कोरोना फैलाया और लद्दाख में सैन्य संघर्ष किया, लेकिन सरकार डटी रही “….

प्रधानमंत्री ने जवाब दिया
“अब आगे क्या करना है”…
“आप इस पर रिसर्च बढ़ाइए “…..


सूर्यमंडल के सबसे बड़ा ग्रह जुपीटर पर कोई स्थान ….
“तो आपका कहना है कि हमें दूसरे स्पेस-टाइम डायमेंशन में जाना होगा” मालविका ने कहा …


इंद्र ने कहा”हां हम आपको दूसरे ब्रह्मण्ड में जाना होगा।”


“आपके कहने का अर्थ है हमें मल्टीवर्स में जाना होगा लेकिन वह तो अभी तक सिर्फ थ्योरी है। और यदि मान भी लिया जाए कि ऐसी कोई जगह है तो वह बहुत दूर होगी …


वहाँ तक लाइट की गति से भी नही पहुँचा जा सकता है। और ब्रह्मांड में समय की गति प्रत्येक ग्रह पर अलग अलग होती हैं, वहाँ तक जाना असंभव है। ” जेनी ने जवाब दिया ।
“यह सच है कि ब्रह्मांड में प्रत्येक स्थान पर समय अलग अलग गुजरता है। कोई ग्रह जितना बड़ा होता है वहाँ समय उतना धीमे चलता है। जैसे इस ग्रह पर गुजरने वाला एक दिन पृथ्वी पर 6 दिन के बराबर होता है और हम तुम्हें उस ब्लैकहोल से नहीं भेजेंगे जिसे महाकाल नियंत्रित करते हैं बल्कि स्पेस-टाइम की ऊर्जा उपस्थित डार्क एनर्जी की सहायता से भेज रहे हैं । जिससे 6 महीने ही लगेंगे “….. इंद्र ने समझाते हुए उत्तर दिया।
काफ़ी विचार विमर्श के बाद मालविका और अखण्ड इस बात के लिए तैयार हुए कि वे जाएंगे, उनके साथ वरुण को भी जाना था
” विमान तैयार था अचानक धूल भरी आंधी और बिजली की गड़गड़ाहट के साथ उनका विमान उस अंधकार के सागर में प्रवेश हुआ । कुछ समय तक तो अंधेरा छा गया लेकिन फिर वह रुका तो विमान एक वन में था ।।।
वरुण देव ने कहा ” बाहर निकलिए हम पहुंच गए हैं “..
बाहर निकलने पर उन्होंने एक विशाल वन देखा उसकी कुछ दूरी पर किले के द्वार से सैनिक निकल रहे थे ..
एक ने कहा ” सप्तसिंधु के महाराज आज हमारे महान नगर धौलावीरा में रथोत्सव देखने आ रहे हैं पूरा नगर भव्य लगना चाहिए।”
“क्या हम धौलावीरा में पहुंच गए हैं ” मालविका ने कहा
“हां, अब चलो” वरुण ।

written by Dhruv Kumar