निष्क्रिय कंपनियों के नाम पंजीकृत सूची से हटाए गए
चर्चा में क्यों ?
- हाल ही में सरकार ने कहा कि निष्क्रिय फर्मों की पहचान के लिए शुरू किए गए विशेष अभियान के तहत वर्ष 2021-22 तक 4,32,796 कंपनियों के नाम पंजीकृत सूची से हटा दिए गए हैं।
मुख्य बिंदु :-
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा में कहा कि कंपनी कानून की धारा 248 के तहत निष्क्रिय कंपनियों की पहचान करने तथा उनका नाम कंपनी पंजीयक सूची से हटाने के लिए विशेष अभियान शुरू किए हैं।
- इन विशेष अभियानों के तहत वर्ष 2021 22 तक 4,32,796 कंपनियों के नाम सूची से हटा दिए गए हैं। अकेले 2021-22 के दौरान कुल 49,921 निष्क्रिय कंपनियों के नाम सूची से हटाए गए हैं।
- एक अन्य सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि कंपनी कानून, 2013 में मुखौटा (शेल) कंपनी की कोई परिभाषा नहीं दी गई है।
- शेल’ कंपनी से आशय सामान्यतः सक्रिय व्यवसाय परिचालन नहीं करने वाली अथवा महत्वपूर्ण परिसंपत्तियां नहीं रखने वाली कंपनी से है।
- ये परिसंपत्तियां कुछ मामलों में अवैध प्रयोजनों जैसे कर अपवंचन करने, धन शोधन करने, स्वामित्व की अस्पष्टता बनाए रखने, बेनामी संपत्ति रखने इत्यादि के लिए उपयोग की जाती हैं।
- उन्होंने कहा कि साथ ही मंत्रालय ने कंपनी कानून की धारा 164 (2) के तहत 5,68,755 निदेशकों को भी अयोग्य घोषित किया है।
- इसके अलावा विभिन्न बैंक से प्राप्त सूचना के आधार पर, सरकार ने उन 68 कंपनियों के वास्तविक स्वामित्व की जांच करने का आदेश दिया था जिन्होंने बैंक खातों में 25 करोड़ से अधिक की राशि जमा की थी तथा नोटबंदी की घोषणा के बाद धनराशि निकाल ली थी।
Source – TH