अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों ने भारत के विकास दर अनुमान को घटाया


चर्चा में क्यों ?

  • हाल ही में अधिकांश घरेलू व अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों ने भारत के विकास दर अनुमान को घटाया है। लेकिन इसका एक पहलू यह भी है कि वर्ष 2022 में भारत की विकास दर दूसरे विकसित और विकासशील देशों के मुकाबले सबसे अधिक रह सकती है। यही नहीं, पहली बार भारत की आर्थिक विकास दर चीन के मुकाबले काफी ज्यादा रहने की संभावना है। 

मुख्य बिंदु :-

  • विश्व बैंक की जून में जारी रिपोर्ट के अनुसार, चीन की विकास दर इस साल 4.3 प्रतिशत रहेगी, जबकि भारत की विकास दर 7.5 प्रतिशत रहेगी। आइएमएफ की रिपोर्ट भी चीन के मुकाबले भारत के विकास दर की रफ्तार तेजी से बढ़ने की बात कहती है।
  • पिछले दिनों आरबीआइ की तरफ से जारी मासिक रिपोर्ट में यूक्रेन-रूस युद्ध के बाद दूसरे देशों की तरह ही भारतीय इकोनमी पर भी विपरीत असर पड़ने की बात कही गई है। लेकिन यह भी माना गया है कि भारत दूसरे देशों के मुकाबले अभी ज्यादा तेजी से विकास करेगा।
  • भारत की रूस, चीन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों के साथ तुलना की गई है। इसमें आर्गेनाइजेशन फार इकोनमिक को-आपरेशन एंड डेवलपमेंट (ओईसीडी) और विश्व बैंक की रिपोर्ट का तुलनात्मक अध्ययन पेश किया गया है।
  • ओईसीडी ने भारत की विकास दर के अनुमान को 8.1 प्रतिशत से घटाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया है, विश्व बैंक ने 8.7 प्रतिशत से घटाकर 7.5 प्रतिशत किया है। वहीं, इन एजेंसियों ने चीन के लिए अनुमान को घटाकर क्रमशः 5.1 से 4.4 प्रतिशत और 5.1से 4.3 प्रतिशत कर दिया है।
  • आइएमएफ की नई रिपोर्ट के अनुसार भारत की विकास दर 9 प्रतिशत से घटकर 8.2 रहेगी, चीन की विकास दर को घटाकर 4.4 प्रतिशत किया गया है। 

Source – IE