अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023


चर्चा में क्यों ?


कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023 हेतु कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है


मुख्य बिंदु :-


कृषि और किसान कल्याण विभाग ने माईगव प्लेटफॉर्म पर अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023 की समयावधि तक पूर्व में शुरू किए गए कार्यक्रमों और पहलों की एक श्रृंखला का आयोजन किया है। इस आयोजन के अंतर्गत प्राचीन और पौष्टिक अनाज को फिर से खाने की थाली में लाने पर जागरूकता फैलाने की पहल की गई है।


गौरतलब है की विभिन्न संगठनों द्वारा कई प्रतियोगिताओं के माध्यम से जागरूकता बढ़ाने के लिए माईगव प्लेटफॉर्म एक बहुत ही महत्वपूर्ण और सफल माध्यम बन गया है। माईगव पर जुड़ाव इसे जन आंदोलन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।


कुछ प्रतियोगिताओं का शुभारंभ किया जा चुका है, कुछ वर्तमान में जारी हैं और कई अन्य का देश के परिकल्पनात्मक और रचनात्मक दृष्टिकोण को साकार रूप देने के लिए माईगव प्लेटफॉर्म पर शुभारंभ किया जाएगा। प्रतियोगिताओं का विवरण माईगव वेबसाइट https://www.mygov.in पर उपलब्ध हैं।


5 सितंबर 2022 को ‘इंडियाज वेल्थ, मिलेट्स फॉर हेल्थ’ विषय के साथ चित्रकथा डिजाइन करने के लिए एक प्रतियोगिता शुरू की गई है और इसका उद्देश्य जनता के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए मोटे अनाज के स्वास्थ्य लाभों को प्रदर्शित करना है। प्रतियोगिता 5 नवंबर 2022 को समाप्त होगी और इसे अब तक काफी उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली है।


मिलेट स्टार्टअप इनोवेशन चैलेंज 10 सितंबर 2022 को शुरू किया गया है। यह पहल युवा सोच को मोटे अनाज के इको-सिस्टम में मौजूदा समस्याओं के लिए तकनीकी/व्यावसायिक समाधान प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित करती है। यह इनोवेशन चैलेंज 31 जनवरी 2023 तक खुला रहेगा।


द माइटी मिलेट्स क्विज को हाल ही में शुरू किया गया था, जिसमें पूछे गए सवाल मोटे अनाज और इसके लाभों पर आधारित थे और इसे भी जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली। यह प्रतियोगिता 20 अक्टूबर 2022 को समाप्त होगी। इसे 20 से 30 अगस्त, 2022 के बीच 57,779 पेज व्यू और 10,824 प्रविष्टियां प्राप्त हुई हैं।


मोटे अनाज के महत्व पर एक ऑडियो गीत और वृत्तचित्र फिल्म के लिए भी एक प्रतियोगिता जल्द ही शुरू की जाएगी।


अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023 के लिए लोगो और स्लोगन प्रतियोगिता पहले ही आयोजित की जा चुकी है और विजेताओं की घोषणा शीघ्र ही की जाएगी। भारत सरकार जल्द ही अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023 के महत्वपूर्ण अवसर को चिह्नित करने के लिए लोगो और स्लोगन जारी करेगी।


अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के बारे में


संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूप में घोषित किया है। इसे संयुक्त राष्ट्र के एक प्रस्ताव द्वारा अपनाया गया था जिसका नेतृत्व भारत ने किया और 70 से अधिक देशों ने इसका समर्थन किया।


यह दुनिया भर में मोटे अनाज के महत्व, दीर्घकालीन कृषि में इसकी भूमिका और एक उत्तम व शानदार खाद्य के रूप में इसके लाभों के बारे में जागरूकता फैलाने में मदद करेगा।


भारत 170 लाख टन से अधिक के उत्पादन के साथ मोटे अनाज का वैश्विक केंद्र बनने की ओर अग्रसर है और एशिया में उत्पादित मोटे अनाज का 80 प्रतिशत से अधिक उत्पादन करता है।


इन अनाजों के लिए सबसे पहले साक्ष्य सिंधु सभ्यता में पाए गए हैं और यह भोजन के लिए उपयोग किए जाने वाले पहले पौधों में से एक थे। यह लगभग 131 देशों में उगाया जाता है और एशिया व अफ्रीका में लगभग 60 करोड़ लोगों का पारंपरिक भोजन है।


क्या है पोषक अनाज (मिलेट्स)?


पोषक अनाज (मिलेट्स) जलवायु प्रतिरोधक क्षमता वाली फसलें हैं, जो 131 देशों में उगाई जाती हैं।


यह भोजन के लिए उगाई जाने वाली अनाज की प्रथम फसल है, जिसके सिंधु सभ्यता में पाए गए सबसे पहले प्रमाण 3000 ईसा पूर्व के हैं।


एशिया और अफ्रीका में लगभग 59 करोड़ लोगों के लिए यह पारंपरिक भोजन है। इसमें बाजरा, ज्वार, रागी/मंडुवा, कांगनी, कोदो, कुटकी, चीना, सावां, ब्राउनटाप मिलेट, टेफ्फ मिलेट, फोनीओ मिलेट शामिल है।


भारत में पोषक अनाजो का उत्पादन


भारत में लगभग 140 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में लगभग पौने दो सौ लाख टन मिलेट्स का उत्पादन होता है, वहीं वैश्विक परिदृश्य 717 लाख हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में लगभग 863 लाख टन मिलेट्स उत्पादन का है।


भारत का मिलेट्स उत्पादन एशिया का 80 प्रतिशत एवं वैश्विक उत्पादन का 20 प्रतिशत है।


देश में मुख्य रूप से आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों में मिलेट्स की खेती होती है।
Source – PIB