बॉक्सिंग डे टेस्ट: कहानी बॉक्स के खुलने की और उसके क्रिकेट से जुड़ाव की


Boxing Day Test: यह नाम सुनकर ऐसा प्रतीत होता है जैसे ये मैच किसी मुक्केबाजी के टूर्नामेंट हेतु खेला जा रहा है मगर इस नाम के पीछे के निहितार्थ धार्मिक है। इसका संबंध ईसाइयों के प्रसिद्ध त्यौहार क्रिसमस के अगले दिन नौकरों, गरीबों और जरूरतमंदों को बांटे जाने वाले बॉक्स के भीतर रखे गए उपहारों से है। दरअसल क्रिसमस के दौरान ईसाई मतावलम्बी एक बॉक्स रखते है जिसमें ढेर सारे लोग उपहार डालते है और फिर इस उपहार को क्रिसमस के अगले दिन ऊपर वर्णित वंचित समाज के लोगों में बांट दिया जाता है।

एक दूसरी दंत कथा ये भी है कि इस दिन छुट्टी लेकर काम न करने वालों के जज्बे को इस्तकबाल करने हेतु इसे बॉक्सिंग डे टेस्ट कहा जाता है। यानी 26 दिसम्बर का दिन बॉक्सिंग डे के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन शुरू होने वाले खेल आयोजन को बॉक्सिंग डे मैच के नाम से जाना जाता है। मीडिया भी इस दिन से शुरू हो रही टेस्ट सीरीज को बॉक्सिंग डे टेस्ट मैचों के नाम से ही छापती, बोलती और थम्बनेल देती है।

अगर इसके इतिहास में जाएं तो हम पाते है कि वर्ष 1892 की तारीख 26 दिसम्बर में शेफील्ड सीरीज के लिए खेला गया क्रिकेट मैच पहला बॉक्सिंग डे मैच माना जाता है। वही अगर इसके सम्बंध में अंतरराष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट का इतिहास खंगाले तो बरस 1950-51 में पहला बॉक्सिंग डे टेस्ट एशेज सीरीज के लिए ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच खेले गए मैच के पाँचवे दिन पड़ा था।

बात अगर भारत की जाएं तो भारत ने अब तक ऐसे कुल 14 बॉक्सिंग डे टेस्ट खेले है जिसमे उसे 9 में हार मिली है, 3 में जीत मिली है और दो मैच ड्रा रहे है। हालांकि इस इतिहास को थोड़ा और बाद से देखे तो भारत ने 2010 के बाद से कुलजमा ऐसे 6 मैच खेले है जिसमें उसे 3 में जीत, 2 में हार और 1 ड्रा रहा है।

चूंकि आज से यानी 26 दिसम्बर 2021 से भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच टेस्ट सीरीज शुरू हो रही है मने आज से एक और बॉक्सिंग डे टेस्ट खेला जा रहा है तो भारत-साउथ अफ्रीका के बीच खेले गए ऐसे टेस्टों के इतिहास को खंगालना भी समीचीन है क्योंकि इतिहास से मान्यताएं और टोटके बनते है। यह इतिहास खंगालने पर हम पाते है कि भारत ने साउथ अफ्रीका से कुल ऐसे 5 मैच खेले है जिसमें उसे 4 में हार का सामना करना पड़ा है और 1 में भारत जीता है।

इस हिसाब से बॉक्सिंग डे टेस्ट भारत के लिए अशुभ प्रतीत होता है मगर मान्यताओं और वर्जनाओं को तोड़ने का नाम ही तो क्रिकेट है। उम्मीद है कि इस बार भारतीय टीम इतिहास को बिना दोहराएं एक नया इतिहास गढ़ेगी।

लेखक: संकर्षण शुक्ला