90th Interpol General Assembly


देश में 90वीं इंटरपोल महासभा होने जा रही है। यह बैठक 25 साल बाद दिल्ली के प्रगति मैदान में हो रही है, जिसका उद्घाटन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

इस महासभा में 195 देशों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। पिछली बार यह महासभा 1997 में हुई थी।

एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, बैठक में 195 इंटरपोल सदस्य देशों के प्रतिनिधिमंडल शामिल होंगे, जिसमें मंत्री, देशों के पुलिस प्रमुख, राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो के प्रमुख और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल होंगे।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, इंटरपोल के अध्यक्ष अहमद नासर अल रायसी और महासचिव जुर्गन स्टॉक भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे।

पीएमओ ने कहा कि भारत में इंटरपोल महासभा की बैठक 25 सालों के बाद हो रही है।पिछली बार भारत में यह महासभा 1997 में हुई थी।भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर इस बार की महासभा का आयोजन नई दिल्ली में करने का विशेष मौका दिया गया है।

इंटरपोल की बैठक में क्या होगा….

18 अक्टूबर से शुरू होने वाले और 21 अक्टूबर को समाप्त होने वाले इस कार्यक्रम में कुख्यात अपराधियों को ट्रैक करने से लेकर नार्को-टेरिरिज्म, भ्रष्टाचार, साइबर अपराध, ड्रग सिंडिकेट, फ्रॉड, लापता व्यक्तियों को ढूंढने और आतंकवाद के आपराधिक पैटर्न पर चर्चा होगी ताकि भविष्य में अपराधी के खिलाफ जांच करना आसान रहे।

इंटरपोल के बारे में …

इंटरपोल की स्थापना ऑस्ट्रिया के विएना में 7 सितंबर 1923 में हुई थी।

इंटरपोल का पूरा नाम अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संस्था (International Criminal Police Organization) है।

यह एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था है जो विभिन्न देशों की पुलिस के बीच सहयोग कर अंतर्राष्ट्रीय अपराधियों को पकड़ती है। 

इसका मुख्यालय फ्राँस  के लियोन शहर में है।

यह दुनियाभर के पुलिस नेटवर्क को जोड़ने वाला यह संगठन अपराध नियंत्रण पर काम करता है।

इस नेटवर्क से जुड़े सभी देश अपने प्रशिक्षित पुलिस अधिकारियों को इंटरपोल में डेपुटेशन पर भेजते हैं।

इंटरपोल के नोटिस …

इंटरपोल द्वारा जारी नोटिस सदस्य देशों की पुलिस को अपराध से संबंधित महत्त्वपूर्ण जानकारी साझा करने में सहयोग करता है।

इंटरपोल मुख्य नोटिस जारी …

रेड नोटिस : यह नोटिस सभी इंटरपोल सदस्य देशों में संदिग्धों को ट्रैक करने और गिरफ्तार करने के लिये सुरक्षा एजेंसियों को अनुमति देता है ताकि उनके खिलाफ प्रत्यर्पण की कार्रवाई शुरू की जा सके।

येलो नोटिस : लापता नाबालिगों को खोजने या उन व्यक्तियों की पहचान करने (जो स्वयं को पहचानने में असमर्थ हैं) में मदद के लिये।

ब्लैक नोटिस: अज्ञात शवों की जानकारी लेने के लिये।

ग्रीन नोटिस : किसी ऐसे व्यक्ति की आपराधिक गतिविधियों के बारे में चेतावनी जारी करना, जिसे सार्वजनिक सुरक्षा के लिये संभावित खतरा माना जाता है।

ऑरेंज नोटिस: किसी घटना, व्यक्ति, वस्तु या प्रक्रिया को सार्वजनिक सुरक्षा के लिये एक गंभीर और आसन्न खतरा मानकर चेतावनी देने के लिये।

पर्पल नोटिस : अपराधियों द्वारा उपयोग किये जाने वाले स्थानों, प्रक्रियाओं, वस्तुओं, उपकरणों, या उनके छिपने के स्थानों के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिये।

ब्लू नोटिस : यह नोटिस किसी अपराध के संबंध में व्यक्ति की पहचान, स्थान या गतिविधियों के बारे में अतिरिक्त जानकारी एकत्र करने के लिये जारी किया जाता है।

इंटरपोल-संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद विशेष नोटिस: उन समूहों और व्यक्तियों के लिये जारी किया जाता है जो समूह और व्यक्ति UNSC (United Nation Security Council) प्रतिबंधों के अधीन हैं।

ब्लू कॉर्नर नोटिस

यह नोटिस किसी कुख्यात अपराध के संबंध में व्यक्ति की पहचान, स्थान या गतिविधियों के बारे में अतिरिक्त जानकारी एकत्र करने के लिये जारी किया जाता है।