4th हेली-इंडिया शिखर सम्मेलन 2022


चर्चा में क्यों ?


हाल ही में नागरिक विमानन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने चौथे हेली-इंडिया शिखर सम्मेलन 2022 का उद्घाटन किया।


मुख्य बिंदु :-


10 अक्टूबर 2022 को नागरिक विमानन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने चौथे हेली-इंडिया शिखर सम्मेलन 2022 का उद्घाटन किया।


इस शिखर सम्मेलन का उद्घाटन शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर, श्रीनगर में ‘हेलीकॉप्टर फॉर लास्ट माइल कनेक्टिविटी’ विषय के साथ किया गया
श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने आज कहा है कि जम्मू में 861 करोड़ रुपये की लागत से एक सिविल एन्क्लेव बनाया जाएगा और श्रीनगर के वर्तमान टर्मिनल का तीन गुना विस्तार 20,000 वर्ग मीटर से 60,000 वर्ग मीटर तक 1500 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा।


शिखर सम्मेलन के दौरान श्री सिंधिया ने कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) पर वैट 26.5 प्रतिशत से घटाकर एक प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे केंद्र शासित प्रदेश में ईंधन भरने में 360 प्रतिशत की वृद्धि के साथ हवाई संपर्क के लिए एक नया अध्याय शुरू हो गया है, इस प्रकार जम्मू-कश्मीर के लिए हवाई संपर्क में वृद्धि हुई है।


हेलीकॉप्टरों की बढती भूमिका –


शिखर सम्मेलन के दौरान श्री सिंधिया ने कहा कि हेलीकॉप्टरों की विभिन्न भूमिकाएं हैं, जो शहरी संपर्क प्रदान करती हैं।


उन्होंने कहा कि हेलीकॉप्टर अब भारत में एक अभिजात वर्ग का विशेषाधिकार नहीं रह गया है, बल्कि भारत सरकार की परिकल्पना ‘सब उड़े, सब जुड़े’ पर आधारित है।


मंत्री महोदय ने बताया कि हेलीकॉप्टर सेवा की अन्य भूमिका बाढ़, बचाव कार्यों आदि के दौरान आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं और आपदा प्रबंधन की रही है।


मंत्री महोदय ने कहा कि जम्मू-कश्मीर ने पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला पर हेली-क्रेन (स्काई क्रेन) का उपयोग करके ट्रांसमिशन लाइनों और टावरों को खड़ा करते हुए हेलीकॉप्टर सेवा के सर्वोत्तम उपयोग का एक उदाहरण स्थापित किया है।


पृष्ठभूमि –


नागरिक विमानन मंत्रालय न केवल शिखर सम्मेलन आयोजित करता है बल्कि एक शिखर से दूसरे शिखर सम्मेलन में लिए गए संकल्पों की प्रगति की निगरानी भी करता है।


देहरादून में तीसरे हेली-इंडिया शिखर सम्मेलन के दौरान, आठ संकल्प लिए गए जैसे हेली-सेवा पोर्टल, हेली-दिशा, हेलीकॉप्टर एक्सेलेरेटर सेल प्रदान करना, हेलीकॉप्टर सेवा के लिए लैंडिंग और पार्किंग शुल्क को समाप्त करना, विशिष्ट हेलीकॉप्टर कॉरिडोर और हेलीपैड का निर्माण।


हेलीसेवा पोर्टल पूरी तरह से ऑनलाइन है और सभी ऑपरेटरों द्वारा हेलीपैड के लिए लैंडिंग अनुमति प्राप्त करने के लिए उपयोग किया जा रहा है, और यह देश में हेलीपैड का डेटाबेस भी बना रहा है।


राज्य प्रशासन के लिए हेलीकॉप्टर संचालन पर मार्गदर्शन सामग्री, हेलीदिशा 780 जिलों में वितरित की गई है।


हेलीकॉप्टर एक्सेलेरेटर सेल हेलीकॉप्टर मुद्दों को हल करने में पूरी तरह से सक्रिय है और उद्योग प्रतिनिधियों का सलाहकार समूह समस्या क्षेत्रों की पहचान करने में मदद कर रहा है।


श्री सिंधिया ने कहा, “हमने हवाई अड्डों पर हेलीकॉप्टरों के लिए लैंडिंग और पार्किंग शुल्क माफ कर दिया है और हमने हेलीकॉप्टर यातायात को तेज करने के लिए एटीसी अधिकारियों का हेलीकॉप्टर संवेदीकरण प्रशिक्षण शुरू कर दिया है।


मुंबई-पुणे, अहमदाबाद-गांधीनगर और शमशाबाद-बेगमपेट से तीन हेलीकॉप्टर कॉरिडोर बनाए गए हैं और नए आईएफआर कॉरिडोर की योजना बनाई जा रही है। सडक परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के साथ काम करते हुए, हम भविष्य के सभी एक्सप्रेसवे और प्रमुख राजमार्गों के लिए डिजाइन चरण से हेलीपैड के लिए रिक्त स्थान आवंटित करने में सक्षम हैं ताकि इसका उपयोग दुर्घटना पीड़ितों की निकासी के लिए किया जा सके।


आंशिक स्वामित्व मॉडल


मंत्री महोदय ने बताया कि आज आंशिक स्वामित्व मॉडल पर दिशा-निर्देश गैर-अनुसूचित कार्यों को बढ़ाने में मदद करने के लिए जारी किया गया है।


इन दिशानिर्देशों के माध्यम से हमें गैर-अनुसूचित बेड़े में भी विकास को बढ़ावा देने में सक्षम होना चाहिए। आंशिक स्वामित्व कई मालिकों द्वारा एकत्रित पूंजी के माध्यम से हेलीकाप्टरों और हवाई जहाजों के अधिग्रहण की लागत में आने वाली रुकावट को कम करेगा।


यह कंपनियों और व्यक्तियों को खरीद लागत साझा करके, जोखिमों के लिए अपने खतरे को कम करके और एनएसओपी व्यवसाय चलाने के लिए वित्तीय रूप से आसान बनाने से अपनी पूंजी के बहिर्गमन को कम करने में मदद करेगा।


आंशिक स्वामित्व मॉडल में विमान के स्वामित्व को लोकतांत्रिक बनाकर एनएसओपी सेगमेंट को सक्रिय करने की क्षमता है और यह एनएसओपी उद्योग में मौजूद विमानों की संख्या को बढ़ावा देने के लिए एक प्रमुख चालक हो सकता है।


हेलीकॉप्टर उद्योग को उसकी समाज सेवा के लिए पहचाना जाना चाहिए। यह एक परिवहन वाहन नहीं है बल्कि एक परिवर्तन उपकरण है, इसका उपयोग न केवल आर्थिक विकास के लिए किया जा सकता है बल्कि जीवन को बदलने के लिए भी किया जा सकता है।


प्रोजेक्ट संजीवनी


श्री सिंधिया ने कहा कि हमने ऋषिकेश के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान-एम्स में आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए अगले कुछ सप्ताह में एक हेलीकॉप्टर तैनात करके प्रोजेक्ट संजीवनी नामक एक एचईएमएस प्रमुख परियोजना को इनक्यूबेट करने का भी निर्णय लिया है।


हेलीकॉप्टर 20 मिनट के नोटिस पर अस्पताल में पहुंच जाएगा और इसमें 150 किलोमीटर के दायरे में सेवा प्रदान करेगा।


श्री सिंधिया ने कहा कि सरकार का इरादा है कि हेलीकॉप्टरों की गति और गतिशीलता का उपयोग करके देश भर में व्यापक जनसंख्या आधार पर चिकित्सा पहुंच और आपात देखभाल सेवाओं तक पहुंच का विस्तार किया जाए।


उन्होंने कहा कि हम प्रोजेक्ट संजीवनी से मिली सीख का उपयोग इसकी अवधारणा की व्यवहार्यता, इसके लाभों और परिचर जोखिमों का पता लगाने के लिए करेंगे और बाद में बड़े संसाधन देने से पहले एचईएमएस पर एक राष्ट्रीय नीति तैयार करेंगे।


Source – PIB